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भीमा कोरेगांव: सितंबर तक नज़रबंद रहेंगे सामाजिक कार्यकर्ता

मा कोरेगांव मामले में गिरफ़्तार किए गए पांच सामाजिक कार्यकर्ताओं पर अब महाराष्ट्र पुलिस ने अपना पक्ष सुप्रीम कोर्ट में रखा है. फ़िलहाल सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पांचों सामाजिक कार्यकर्ताओं को उनके घर में नज़रबंद रखा गया. गुरुवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस को कड़ी फटकार लगाई. हालांकि उनके घर में नज़रबंदी को लेकर बहस अभी जारी रहेगी और अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार महाराष्ट्र पुलिस ने एक हलफ़नामा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया. जिसमें कहा गया है कि 'इन कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ ऐसे सबूत हैं जो बताते हैं कि इनका संबंध प्रतिबंधित माओवादी संगठन के साथ था.' महाराष्ट्र पुलिस ने इसके साथ ही साफ़ किया है कि इन कार् यकर्ताओं की गिरफ़्तारी इस वजह से नहीं हुई कि इनके और सरकार के बीच विचारों में मतभेद थे. गौर करने वाली बात है कि 29 अगस्त को इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ''लोकतंत्र में असहमति एक सेफ़्टी वॉल्व की तरह होती है.'' महाराष्ट्र पुलिस ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में जो हलफ़ना